न्यायधीश कहता है हत्यारा लूटना चाहता था| यह गलत बात है| हत्यारे की आत्मा हत्या करना चाहती थी, लूट नहीं| वह छुरे से मिलने वाली ख़ुशी के लिए तड़प रहा था| लेकिन उसकी कमजोर नजर में यह बैठ गया, खून तो इसलिए हुआ की उसके पीछे लूट या बदले की धारणा थी| यह तर्क उस भयभीत आदमी के दिमाग में बैठ जाता है| इसलिए वो हत्या के बाद लूट लेता है| यह आदमी क्या है? एक बीमारी का ढेर|
नीत्शे (जरथुष्ट्र ने कहा से उद्घृत)
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