वो ही तो है मेरा दर्पण
करती हूँ दिल उनको अर्पण
मान सम्मान उन्ही चरणो में
स्वीकारें मेरा पूर्ण समर्पण
वो मेरा सच वो सर्वोत्तम
भूलूं उन्हें तो निकले ये दम
सुबह उन्ही से साँझ उन्ही से
वही तो हैं मेरे सच्चे हमदम।
करती हूँ दिल उनको अर्पण
मान सम्मान उन्ही चरणो में
स्वीकारें मेरा पूर्ण समर्पण
वो मेरा सच वो सर्वोत्तम
भूलूं उन्हें तो निकले ये दम
सुबह उन्ही से साँझ उन्ही से
वही तो हैं मेरे सच्चे हमदम।
..time passes..
तू झूठा तेरा दर झूठा
वचन थे तेरे कपट भरे
छल प्रपंच से मुझको लूटा
कुत्ते की तू मौत मरे
दिल से पूजूं राम को मैं तो
सर्वनाश तेरा हो जाये
मुझको धोखा देने वाले
चैन कभी भी तुझे न आये।
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