Monday, January 31, 2011

धोखा

बहे जा रहे धार में लेकिन, कहते अभी हम सफ़र में हैं;
कुछ करने का तो होश नहीं, बतलाते अभी के जोश में हैं;

भवंर में डूबे बुरी तरह, समझाते गहराई है कुछ कम;
फिसल रहे हैं पैर जमी पे, बस हवा से हाथ मिलाते हैं;

बर्बाद हुए हम तरह तरह, अपनों से आँख चुराते हैं;
कसमें लेते भुल जाने क़ी, पर दिल में उन्हें बिठाते हैं|

Ram

निराशा

बे खबर हो चले थे, कोई साथ नहीं मेरे;
तेरी चाह में हम, अब तक रहे सफ़र में;
मिलेगी कहीं तू कभी, ये तो नहीं पहचानते;

हैं गम कई जीवन में, मिलेंगी कभी खुशियाँ;
हांथो में होगा अपने, आँचल तेरा सुहाना;
ये ख्वाब हो चले हैं, हकीकत नहीं मानते;

अब हरकतें भी अपनी, मनहूस हो चली हैं;
जिस पर नजर गयी है, वो तारा नहीं रहेगा;
हमको खबर है लेकिन, लोग नहीं मानते|

Ram

प्रेरणा

बहुत खूबसूरत हैं दुनिया के मेले
सम्हल जा ओ प्यारे है चलना अकेले ;
जो थक कर रुकेगा, थाम उंगली चलेगा
मिलेगी न मंजिल, सफ़र में ही रहेगा
सम्हल जा ओ प्यारे ...

गीत जो हैं लुभावन वो तेरे नहीं हैं,
सुर सजते जो दिल पर वो अमृत न देंगे,
तुझे प्यासा तट तक है चलना अकेले,
चाहे ठोकरें ये तेरि जान ले लें,
सम्हल जा ओ प्यारे...

पहुंचकर तू मंजिल न खुद को भूल जाना,
मेरी याद आने पे न आंसू बहाना, अन्यथा
कुछ ख्वाहिशें उठेंगी अरमान भी जागेंगे
मैं आशा करुँगी मुझे साथ ले ले
सम्हल जा ओ प्यारे...

Ram

बेवफा

राह में जिसकी हमने पलकों को बिछा छोड़कर,
अपने थे प्यारे थे जो उन सबसे नाता तोड़ दिया;
ख्वाब थे जो जिन्दगी में उनका भी गला घोंटकर,
पास बुलाती मंजिल को पाने का रस्ता छोड़ दिया;

इस रूह का तनहाइयों रुसवाइयों से दिल जोड़कर,
याद करके जिसको हमने रातों को सोना छोड़ दिया;
दिल्लगी का दर्द उनको बताने के लिए स्वीकार किया,
बस मेरे दिल को तोड़कर तनहा अकेला छोड़ दिया;

उन्हें नहीं मालूम शायद उन्होंने क्या गुनाह किया;

Ram

प्रेम विराम

आज चांदनी भी कम थी, हमने सोचा वो आयेंगे;
वो डालें हम पे एक नजर, फिर दिल को हम बहलाएँगे;
इसी लिए उनकी राहों में, फूल नहीं बिखराए थे;
पलकें अपनी झुकी रहीं, वो उन्हें मसलकर चले गए;

हम चुपके से फिर लेट गए, आँखों ने सागर भर डाला;
दिल तनहा सा था दूर पड़ा, एक आह उठी और दर्द हुआ;
वो क्या जानें क्या बात हुई, सुबह खिली तब पता चला;
जो प्यार पारी से करता था, अब वो आवारा नहीं रहा;
Ram

लगन

यारा मेरे कर माफ़ मुझे, रश्ते में चला छोड़ तुझे ;
मत बताना ये खबर, उनको जिन्हें हम प्यार करते;

हैं बेवफा तो क्या हुआ, जहां की दीवारें पार करके;
चली आएँगी वो चिता पर, अश्कों से आँचल को भिगोते;

कंटक चुभेंगे पैर उनके, आह निकलेगी गले से;
चैन से मरने न देगी, जाएगी जिगर पार करते;

Ram