किसी जंगल में एक चिड़ियों का जोड़ा एक बहुत पुराने पेड़ के किसी आरामदेह घोंसले में रहता था। मादा चिड़िया हमेशा नर चिड़िया से कहती रहती थी "तुम मुझे छोड़ कर कहीं चले तो नहीं जाओगे ?" नर चिड़िया हमेशा कहता था कि अगर मैं जाने लगूंगा तो तुम मुझे रोक लेना। एक दिन मादा चिड़िया ने कहा कि मैं तुम्हे रोक तो लूंगी पर तब तुम मेरे न रहोगे। ये सुन कर नर चिड़िया की आँखें भर आयीं और उसने अपने पंख नोंच डाले। और बोला कि लो अब तुम्हे ये कहने कि जरूरत न होगी और हम हमेशा साथ रहेंगे। बहुत दिन आराम से बीते, दोनों में बड़ा प्यार था। एक रात जोरो का तूफ़ान आने वाला था। पेड़ पुराना होने के कारण घोंसला टूटने के डर से मादा चिड़िया उड़ने लगी, नर ने कहा तुम चली जाओ मैं तो उड़ नहीं सकता। मादा चिड़िया ने कहा "अपना ख्याल रखना" और उड़ गयी। सुबह तूफ़ान थमने पर जब मादा चिड़िया वापस उस घोंसले पर आई तो देखा नर मर चुका था। पास ही घोंसले कि दीवार में उकेरा हुआ था "काश उसने एक बार भी कहा होता कि मैं तुम्हे छोड़कर नहीं जा सकती तो मेरी जान तूफ़ान आने से पहले न गयी होती।"
उदय के एस एम् एस से उद्घृत।
उदय के एस एम् एस से उद्घृत।
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