Friday, December 20, 2019

कराह

तू जिन्दा तू सत्ता है,
मैं मुर्दा मैं जनता हूँ.

तू पावन तू शासन है,
मैं अधमी मैं प्रहसन हूँ.

तू दाता दीन व्यवस्था है,
मैं देश की रुग्णावस्था हूँ.

तू सबका कर्ता धर्ता है,
मैं तेरे कर्मों से डरता हूँ.

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