भविष्य की संभावनाओं की खोज में घर से बाहर निकले ६ साल हो गए थे जब घर से पहली बार फ़ोन आया था हमें। बड़ी बात ये कि हमारे पास तो कोई फ़ोन न था फिर भी हमसे संपर्क किया जा सकता था। हमारे दादा जी की मृत्यु का समाचार भी हमें कई दिनों बाद गाँव के मित्र से फ़ोन पर ही मिला। मोबाइल का चलन नया था, इसलिए इसे रखना या तो अमीरों का या आवारों का शगल समझा जाता था। क्षात्रों के लिए तो मनाही सी थी और इसे रखना अपराध की श्रेणी में आता था। हाँ तो, ये पहला फ़ोन सिर्फ पहला फ़ोन नहीं हमारे आर्थिक स्रोत का अंतिम संस्कार था, जिस अर्थी में हमें ही मजबूरन आग देनी पड़ी। अगले एक साल मित्रों के सहयोग से ही जिन्दगी कटी, जिस सहयोग का कर्ज हम आज तक न उतार सके, न जीवन भर उतार सकेंगे, और न ही उतारना चाहते हैं। उतारना नहीं चाहते इसके पीछे की धारणा ये है कि, मित्रों के हर छोटे बड़े सहयोग के साथ उनके लिए जो अपार आदर और अपनेपन का रंग चढ़ा हम पर हमें डर है इस कर्ज उतारने के खेल में उससे भी न हाथ धो बैठें और आज जो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं वो महत्वहीन न हो जायें हमारे सन्दर्भ में। मित्रता हमने पहले भी की थी परन्तु मित्रता की असीम महत्वता से परिचय बनारस वास के अंतरिम दिनों में ही हुआ।
हमें गर्व है कि ढेर सारे सुख दुःख से होते गुजरते हम आज भी अपने मित्रों के प्रति आदर से भरे हुए हैं। और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आजीवन वो हमारे इस जज्बे को जीवित रखे। बावजूद इसके कि शेष दुनिया हमारे प्रति क्या बर्ताव रखती है। तमाम गलत इस्तेमालों के बावजूद ईश्वर हमें औरों को सहयोग देने का साहस प्रदान करे, जैसा कि हमारे मित्रों ने हमारे लिए किया। आज भी जब विभिन्न तरह के झंझावत जीवन को जड़ से उखाड़ने की कोशिश करते हैं तो हमारे मित्रों का अप्रतिम स्नेह, प्रोत्साहन और मार्ग प्रदर्शन ही उबारता है और आगे बढ़ने का उत्साह प्रदान करता है। हम अपने मित्रों के हमारे साथ चले हर कदम के लिए अत्यंत आभारी हैं।
हमें गर्व है कि ढेर सारे सुख दुःख से होते गुजरते हम आज भी अपने मित्रों के प्रति आदर से भरे हुए हैं। और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आजीवन वो हमारे इस जज्बे को जीवित रखे। बावजूद इसके कि शेष दुनिया हमारे प्रति क्या बर्ताव रखती है। तमाम गलत इस्तेमालों के बावजूद ईश्वर हमें औरों को सहयोग देने का साहस प्रदान करे, जैसा कि हमारे मित्रों ने हमारे लिए किया। आज भी जब विभिन्न तरह के झंझावत जीवन को जड़ से उखाड़ने की कोशिश करते हैं तो हमारे मित्रों का अप्रतिम स्नेह, प्रोत्साहन और मार्ग प्रदर्शन ही उबारता है और आगे बढ़ने का उत्साह प्रदान करता है। हम अपने मित्रों के हमारे साथ चले हर कदम के लिए अत्यंत आभारी हैं।
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