Saturday, July 17, 2010

बाबर अदीब वार्तालाप

अदीब बाबर से: मैं लेखक हु, इस दौर में मेरे पास लिखने पढने का वक्त नहीं बचा है.....
वो जमाने लद गए जब तुम लड़ाइयाँ भी लड़ते थे और आराम से बैठ कर अपनी डायरियां लिखवाया करते थे।

कमलेश्वर (कितने पाकिस्तान)

2 comments:

  1. SIR this is poonam and i m ur fan but i want ur cell no.

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  2. Waah poonam ji, ek saans me hi kila gira dena chahti hain. Aap ko samrat ashok ke jamane me hona chahiye tha.

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