Saturday, July 17, 2010

बाबर अदीब वार्तालाप

अदीब बाबर से: मैं लेखक हु, इस दौर में मेरे पास लिखने पढने का वक्त नहीं बचा है.....
वो जमाने लद गए जब तुम लड़ाइयाँ भी लड़ते थे और आराम से बैठ कर अपनी डायरियां लिखवाया करते थे।

कमलेश्वर (कितने पाकिस्तान)

ये क्या है?

तब मेसोपोटामिया के देवता अलवोनीयास ने संकट ग्रस्त स्वर में कहा- देवताओं के देव अनु ! हमारी कमजोरी ये ही है कि हमने प्रेम और मित्रता जैसे तत्वों को नहीं तलाशा ... सारी देवियाँ केवल हमारी वासना का तृप्ति कुंड हैं और हम देवताओं में कोई भी किसी का मित्र नहीं है... इसलिए मनुष्य द्वारा प्रेम और मित्रता जैसे तत्वों की खोज बहुत ही विकराल साबित हो सकती है|

कमलेश्वर (कितने पाकिस्तान)